तुम रहोगी मेरी

तुम रहोगी मेरी

तुम्हें मांगता आया हूँ बेअदब दुआओं में,

मन मंदिर में सजाई है निर्दोष छवि तुम्हारी,

रह सकना संभव नहीं अब तुम्हारे बिन कसम ले लो,

हो अब भी तुम्हें शक तो सुन लेना उन्हें,

गीत जो गाये हैं मैंने तुम्हारी याद में,

मेरी आरजू का भरम है ये ,

रीत प्रेम की निभाकर आओगी तुम पास मेरे...!

3
2 रिप्लाई